(14 फरवरी 2019 को कश्मीर की राजधानी पुलवामा में crpf के काफिले पर आत्मघाती
हमले में शहीद हुए अमर शहीदों को नमन)
जल उठा कश्मीर,इक आतंकी हमला हुआ।
न समझ आया कुछ,एक जलता धमाका था।
चल रहा था काफिला,सफर में वीर वांके सिपाही।
दौडकर एक कार आई,आगे आकर अडी।
और टकरा गयी,कर गयी सब स्वाह।
जो दे गये वलिदान अपना,
उन वीरों को शत् शत् नमन।
सीना हिल गया भारत मात का।
वे दे गये अमरत्व तन को,
शौर्य की कहके कहानी।
गिर धरा पर, नभ छू लिया,
जा सितारों में महकी जवानी।
जनक के रक्त को ऊंचा उठाया,
बना कुलदीप,वांका,बडा नामी।
देश की रज तोल दी,उर क्षीर ने,
लाडला,चांद नभ का,आंचल छोड भागा।
सावन बन गया पतझर,
शान पा गयी बहन की राखी।
स्नेह की सरिता सागर पा गयी।
अधूरी लोरियां छोड बेटी की,
छोडा नन्हा हाथ बचपन का।
स्वर्ग में तिरंगा थाम बैठे।
खनकती चूडियों की शान भी,
उजालों का मोल कर लाई।
चमकती मांग सिंदूरी,
लाली लवों की देश के काम आई।
नमन उन वीर वांके भारत मां के लालों को,
ओढ मुंह सो गये, भारत मां के आंचल में।
नमन भारत मां के चरणों में,
जो सर्वस्व देकर तिरंगा थाम लाई।
अनीता सिंह 'सुरभि'