चार वर्तमान व एक समाधिस्थ मुनिराज को आचार्य पद

सोनकच्छ। विगत 29 नवम्बर 2019 को मध्य प्रदेश में पुष्पगिरी तीर्थ पर श्रीमज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के तप कल्याणक के दिन पुष्पगिरी तीर्थ प्रणेता आचार्य श्री पुष्पदंतसागर जी महाराज द्वारा 12 विद्वानों, 11 प्रतिष्ठाचार्यों, 11 पत्रकारों व समाजनों की साक्षी में अपने चार वर्तमान एवं एक समाधिस्थ शिष्य को आचार्य पद पर प्रतिष्ठित किया गया। सबसे पहले आचार्यश्री पुष्पदंत सागर जी महाराज ने समाधिस्थ शिष्य मुनि श्री तरुणसागर जी को आचार्य पद प्रदान किया, तदुपरान्त अंतर्मना मुनि श्री प्रसन्नसागर जी महाराज, राष्ट्रसंत मुनि श्री पुलकसागर जी महाराज, मुनि श्री प्रमुखसागर जी महाराज और मुनि श्री प्रणामसागर जी महाराज को आचार्य पद प्रदान किया। आचार्य श्री पुष्पदंत सागर जी महाराज ने कहा है कि 'आज पुष्पगिरी पर मुनि श्री प्रज्ञासागर जी महाराज, मुनि श्री सौरभसागर जी महाराज, मुनि श्री अरुणसागर जी महाराज उपस्थित नहीं हैं पर मैं यहाँ घोषणा करता हूँ कि जैसे ही उनका आगमन पुष्पगिरी तीर्थ पर होगा या मुझ से मिलन होगा, उस दिन इन सभी मुनियों को भी आचार्य पद प्रदान किया जाएगा। अब से आचार्य श्री पुष्पदंतसागर जी महाराज को 'गणाचार्य' कहा जायेगा।



 जैन इतिहास में शायद यह प्रथम बार है कि किन्ही समाधिस्थ मुनिराज को आचार्य पद प्रदान किया गया। आचार्य पद प्रदान की अनुमोदना में 12 विद्वान् सर्वश्री डाॅ. भागचन्द्र जैन 'भास्कर'-नागपुर, डाॅ. श्रेयांसकुमार जैन-बड़ौत, डाॅ. सुशील जैन-मैनपुरी, डाॅ. नरेन्द्रकुमार जैन-गाजियाबाद, डाॅ. फूलचन्द्र जैन 'प्रेमी'-वाराणसी, डाॅ. कमलेश जैन-वाराणसी, डाॅ. सनतकुमार जैन-जयपुर, डाॅ. जयकुमार जैन-मुजफ्फरनगर, डाॅ. अशोक जैन-वाराणसी, डाॅ. अनुपम जैन-इन्दौर, पं. विनोद जैन-रजवांस, डाॅ. आशीष जैन आचार्य-शाहगढ़ उपस्थित रहे।


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