जब हमारे शास्त्र बोलते थे कि आहार विहार पर बहुत अधिक गहनता से ध्यान दो, अपने खान पान को शुद्ध और सात्विक रखो तो मज़ाक उड़ाया ।
पुस्तकें जला दी गईं। बकवास और पुरातनपंथी बोलकर उसका उपहास उड़ाया गया ।
आज चीन और अन्य देशों में आहार विहार पर न ध्यान देने के कारण पूरा विश्व ऐसे संक्रमण की चपेट में है कि वह लाखों लोगों को चट कर के ही मानेगा।
कभी बर्ड फ्लू, कभी स्वाइन फ्लू, कभी मैड काऊ (mad cow) , कभी कोरोना विषाणु और अब तक की तमाम तरह की बीमारियाँ सिर्फ और सिर्फ माँस भक्षण या गलत आहार से आती रही हैं और आयेंगी।
*चीन में आज 70 लाख से ऊपर लोगों को शीशे में कैद कर रख दिया गया है ।*
उनको कोई छू नहीं सकता, उनसे कोई बोल तक नहीं सकता।
१ फरवरी २०२० तक चीन में ह्जारो लोगों कोरोना विषाणु के संक्रमण से मर चुके हैं और लाखों लोग संक्रमित हैं। जो अंतिम सांसें गिन रहे हैं।
आज विश्व में एक अभियान चल गया है -
*शाकाहारी बनो* ।
चीन में सरकार की तरफ से आदेश आ गया कि बहुतायत में मात्र सब्जियाँ उगायें और उन्हीं का सेवन करें ।
हमें गर्व होना चाहिए अपने शास्त्रों और पूर्वजों की बातों पर जिन्होंने इतनी गूढ़ और सदा के लिए हितकारी बातें लिख दी हैं जो अकाट्य हैं ।
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