दोस्तों..
अगर आप के दिल में कोई शख्श़ खास मक़ाम रखता और वो आपको नजर अंदाज़ करें..तो फ़िर उसे भुलाना ही लाज़मी होगा.. ऐसी ही एक सच्चाई बयां कर रही है क़लम-ए-कमल..!!
जो तुम्हें नज़र अंदाज़ करें उसे भुला देना ही लाजमी है..!
झूठे ख्व़ाबो ख्य़ालो को आज तक कब कहां मिली जमीं है..!
एक हवा के झोंके की मानिंद समझ उसका जिंदगी में आना..!
क्यों कोशिशें करता क़ैद करने की हवा कब कहां धमी हैं..!
वक़्त के साथ बड़े से बड़ा जख्म़ भी भर जाया करता है..!
तो फिर तेरी आंखों में उसे खोने की क्यो ये नमी है..!
शायद उसकी दोस्ती की उम्र ही इतनी सी थी ये सोच लेना..!
सच्चे और अच्छे दोस्त की दुनिया में कहां कोई कमी है..!
कमल सिंह सोलंकी
रतलाम मध्यप्रदेश
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