क्या करें 21 दिन

 














🏵क्या करें 21 दिन

 

तपस्वी भरतजी की तरह रहै 21 दिन -ब्र. त्रिलोक़  जैन 

 

धर्म मित्रों कल रात देश के राजा ने घोषणा की 21 दिन देश बंद रहेगा / प्रश्न है 21 दिन क्या करें , विचार करें कि हम सब जीवन की आपाधापी में  संघर्षमय जीवन में व्यापार की उठापटक में  ,नौकरी के चक्कर में ,जो काम नहीं कर पाते थे, उन कामों पर इन दिनों ध्यान दें /जैसे कि व्यस्तता के चलते आप अपने बच्चों को समय नहीं दे पा रहे थे ,संस्कार नहीं दे पा रहे थे  वह इन दिनों दे / आप अपनी मां बाप की सेवा नहीं कर पा रहे थे वह इन दिनों करें /तुम्हारे अंदर कुछ लिखने का मन था उसी लिखें /आप व्यस्तता के चलते सामायिक ध्यान प्रार्थना से दूर थे चलो इन  महान कार्यों को करें /कुल मिलाकर जैसे पांडवों ने अज्ञातवास में ,भगवान श्रीराम ने 14 वर्ष के वनवास में /उस अनुरूप जीवन शैली को अपनाया था /यदि हम सब ने भी इन 21 दिनों में समय के अनुरूप जीवनशैली को अपना लिया तो सच मानिए यह 21 दिन 21 फल से कट जाएंगे /आप देखो  !भारतिय  संस्कृति की महिमा  राम को तो बनवास मिला  और उन्होंने उस बनवास को भी हंसते हंसते स्वीकार कर लिया , तो क्या हम  21 दिन अपने घर में भी नहीं रह सकते, भारत को राज्य मिला था  फिर भी भारत ने  अपने आप को  एक कुटिया में बंद कर लिया था,  उन्होंने  वनवासी जीवन राज्य के अंदर रहते हुए जिया था / जब राम  अयोध्या लौटे थे  तो यह पहचानना कठिन था  बन मे राम रहे  कि भरत रहे  /हम ऐसे महान देश के नागरिक हैं / अपने अतीत को भी याद करें / समय का क्या है आता है चला जाता है /हर घटना, हर विपत्ति कुछ ना कुछ संपत्ति देकर जाती है /वशर्तें हम समय का, अपनी शक्ति का श्रेष्ठतम सदुपयोग करें / इस समय संपूर्ण मानवता का जीवन खतरे में है /यदि खतरे में नहीं होता तो सरकार अपनी राजस्व की हानि क्यों करती /हम अपनी हानि के बारे में तो विचार रहे है /जरा सोचो सरकार को भी कितनी बड़ी आर्थिक हानि है / आने वाला समय आपसे हमसे और त्याग की मांग करेगा /अतः इन दिनों संयमित जीवनशैली अपनाएं /मुझे प्रसंग याद आ रहा है जब भरत मिलाप के समय भरत जी एक ऋषि के आश्रम में रात्रि विश्राम को रुके ,तो  वहां पर भरत जी ने सबको आज्ञा दी ,यह ऋषि का आश्रम है ,यहां वस्तुओं का उपयोग करें भोग नही,  दुरुपयोग नहीं /  प्रसाद की तरह ग्रहण करें /इन दिनों हम सब को भी यही करना है /जितने में मेरा जीवन चल जाए उतना ही ग्रहण करना है /अपने पड़ोसी का ध्यान रखना है /सड़क पर कोई भूखा है अपने दरवाजे के आसपास कुत्ते बिल्ली गाय आदि का  भी ख्याल रखना है /जियो और जीने दो को चरितार्थ करना है /परहित  सरस  धर्म नहीं भाई  यह याद रखना है / और आपस में दूरी बना कर रखना है /बहुत अच्छा हो इन दिनों को किसी बड़ी विपत्ति की पूर्व सूचना मान कर ,हम सब इन दिनों को संयम के साथ व्यतीत करें /अंसम का त्याग करें ,और अपने अपने इष्ट से सबके  सुख की कामना करें /यही इस समय की मांग है /व्यर्थ के  प्रलाप को छोड़े ,आओ मिलकर अपने  अपने घर में एक तराना छेड़ें /हम होंगे कामयाब ,हम होंगे कामयाब , एक दिन एक दिन /जय भारत जय वंदे मातरम /हिंदू नव वर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाओं के साथ 


 

 



 



 













 










 

 








 

 







 







 




 





 



 




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