आदर्शों में आदर्श प्रभु श्रीराम है 

आदर्शों में आदर्श प्रभु श्रीराम है 

 

 अयोध्या में राम हो या जंगल में राम हो ,जहां देखो वहां बस राम ही तो राम है

/भरत के राम हो या लखन के राम हो ,सीता के राम हो अहिल्या के राम हो

//केकई के राम हो या कौशल्या राम हो , आदर्शों में आदर्श प्रभु श्रीराम है /

सुग्रीव के राम हो या  जामवंत राम हो , हनुमान हृदय बसे प्रभु श्री राम हो

//अयोध्या में राम हो या लंका में राम हो ,आदर्श छोड़े नहीं प्रभु श्रीराम है /

/भावना के राम हो या कर्त्तव्य  के राम हो, आदर्श से डिगे  नहीं प्रभु श्रीराम है

/ तुलसी के राम हो  या बाल्मीकि राम हो /

/ जटायु के राम हो या जन जन के राम हो , यत्र तत्र सर्वत्र राम ही तो राम है /

/कवियों के राम हो या कविता में राम हो ,आदर्शो में आदर्श प्रभु श्रीराम है /

सुमिरन में राम हो या पूजन में राम हो , जहां जहां राम हो वही हनुमान हो /

/भारत के हृदय बसे प्रभु श्रीराम हो , कैसे कहे "त्रिलोक" राम है अनंत रूप

/इसीलिए अब कविता को भी विराम हो , विराम में भी राम छिपा

,फिर राम  में विराम कहां / राम राम जपे  जाओ जब तक जान है //

 

ब्र ० त्रिलोक जैन 

 

 

 

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