भगवन महावीर जन्म कल्याणक महोत्स्व जीवन को अविस्मरणीय धरोहर दे गया।
प्रति वर्ष निकलने वाली शोभा यात्रा में गिने चुने लोगों का योगदान रहता था ।लोग अपने घरों की छत से या गली की नुक्कड़ से शोभायात्रा को देख कर अपना फ़र्ज़ पूरा कर लेते थे।कई तो उसमें भी नहीं आ पाते थे और छुट्टी के मूड में सोते रहते थे।
किन्तु इस वर्ष सभी कई दिनों से महावीर जयन्ती पर परिवार सहित उत्सव मनाने की तैयारी में लगे हुए थे ।फिर गुरूवर सुधासागर जी महाराज की एसी कृपा हुई कि हरेक घर में छोटे-छोटे बच्चों मे भी भगवान का (Barth bay )जन्मोत्सव मनाने का जोश आ गया और बच्चों की कलात्मकता भी परिवार वालों को महसूस हुई।
पूरा दिन हर्षोल्लास,आनन्द,और प्रभु की भक्ति में निकल गया ।वास्तव में कल का जन्मदिन ही सार्थक रहा ।कोई रंगोली बना रहा था तो कोई पूजन व्यवस्था में लगा था तो कोई पकवान बना रहा था तो कोई घर सजा रहा था सभी ने साथ मिल कर अपनी अपनी कला का परिचय दिया साथ बैठ कर पूजन की भोजन किया आरती की भक्ति की घर को दीप माला से सजाया।कल घर की दीवारें भी बड़ी खुश लग रही थी।
गुरूवर की कृपा ने फिर से परिवार को ख़ुशियाँ आनंद स्नेह से भर दिया वर्ना तो सब भागती ज़िन्दगी में ही व्यस्त थे।
डॉ वंदना जैन
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