जय श्रीकृष्ण
कालचक्र जब विध्वंशक हो,
मानवता हो प्रभंजन कारी,
जहरीली ज्वाल बुझाने को,
तब आता है एक अवतारी।
क्षमा,दया और दानशीलता,
उत्तम मार्ग अति हितकारी,
सृजन करो ,ना भ्रमण करो,
घर मन्दिर ,बाहर बी मारी।।
डॉ तारा दीक्षित
उज्जैन 27 नवम्बर 2022। महावीर तपोभूमि उज्जैन में ‘उज्जैन का जैन इतिहास’ विषय पर आचार्यश्री पुष्पदंत सागर जी के प्रखर शिष्य आचार्यश्री प्रज्ञ...
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