"चार कीमती रत्न"

"चार कीमती रत्न"

 

मुझे पूर्ण विश्वास है कि 

आप इससे जरूर धनवान होंगे..!

 

1.पहला रत्न है:-

    " माफी "

तुम्हारे लिए कोई कुछ भी कहे, तुम उसकी बात को कभी अपने मन में न बिठाना, और ना ही उसके लिए कभी प्रतिकार की भावना मन में रखना, बल्कि उसे माफ़ कर देना।

 

2.दूसरा रत्न है:-

  "भूल जाना"

अपने द्वारा दूसरों के प्रति किये गए उपकार को भूल जाना, कभी भी उस किए गए उपकार का प्रतिलाभ मिलने की उम्मीद मन में न रखना।

 

3.तीसरा रत्न है:-

    "विश्वास"*

हमेशा अपनी मेहनत और उस परमपिता परमात्मा पर अटूट विश्वास रखना । यही सफलता का सूत्र है ।

 

4.चौथा रत्न है:-

    "वैराग्य"*

हमेशा यह याद रखना कि जब हमारा जन्म हुआ है तो निश्चित ही हमें एक दिन मरना भी है..!  इसलिए बिना लिप्त हुए जीवन का आनंद लेना ! वर्तमान में जीना ! यही जीवन का असल सच है..!

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