*लॉकडाऊन का सदुपयोग*

 

                दुनिया एक अजीब बीमारीसे घिरी हुई है| परिणामस्वरूप, कई लोगों की स्थिति विकट हो गई है| डर ने कई लोगों को इस बात सेअनजान कर दिया है कि, वो क्या कर रहे हैं? महामारी के चलते दुनिया के कई देशों में ताला लगा दिया गया है| कुछ लोग छुट्टियों का आनंद ले रहे हैं| लेकिन अधिकतर लोग यह नहीं जानते कि घर पर रहते हुए क्या करें?

            प्रकृति के साथ खिलवाड करने के गंभीर परिणाम हुए हैं|लेकिन ऐसी परिस्थिती में चिंता का कोई कारण नहीं होना चाहिए| हमें सज़ा मिली है, इस प्रकार उसकी चिंता करने से यह बेहतर होगा कि प्राप्त समय का सुदपयोग किसप्रकार से करे| ऐसी बीमारियॉं लंबे अंतराल के बाद क्यों न हो किंतु अनेकों बार आईं और गईं| बिना किसी डर के ऐसी परिस्थितियों का सामना करना और आने वाले समयका अच्छा उपयोग करना महत्वपूर्णहै|

* जीवन और सतर्कता*- आज, यह कोरोना जैसी बीमारी के कारण नहीं, लेकिन जीवन में सतर्कता की हमेशा ही जरूरत होती है| हमें कदम दर कदम सावधान रहना होगा| *‘नजर हटी दुर्घटना घटी’,* लक्ष्य से हमारा ध्यान विचलित होता हैं तो दुर्घटना कभी भी हो सकती है| इसके लिए सतर्कता कीआवश्यकता है| डरने का कोई कारण नहीं है| डर जीवन शक्ति और प्रतिरक्षा को कम करता है और आसानी से किसी भी बीमारीको जन्म दे सकता है| हमें इसके लिए सतर्क रहना चाहिए|

            जब घर में रहना आवश्यक ही है तब कई लोग इस सोच में पडे हुए है कि, इस समयका क्या करना है? ऐसे में अगर टीवी और मोबाइल इस प्रकार के इलेक्ट्रानिक वस्तुओं के चंगुल में फंस गये तो लाभ से अधिक नुकसान होगा| इसके बजाय धर्म में, आत्मचिंतन में और पुराने अधुरे कार्यों को पूरा करने का हम संकल्प करते हुए अमंल करे तो परिणाम बेहतर होंगे|

* धर्मोपयोग*- हम दुनिया में फसनेवाली, विचलित होने वाली, पारिवारिक कलह की कई घटनाओंका सामना कर रहे हैं| लेकिन अब समय है कि हम अपने भीतर की भावना को प्रतिबिंबित करें|मोबाइल के माध्यम से चित्रों और व्हाट्सएप को देखकर खुद को विचलित करने के बजाय, कई वेबसाइटों पर उपलब्ध ग्रंथों के माध्यम से विविध विषयों का अवलोकन करने के शुभ परिणाम होंगे| दुनिया के ऑनलाईन ग्रंथागारों में हर विषय पर ग्रंथ हैं|यदि आप अपने पसंदीदा विषय पर एक किताब पढ़ते हैं, तो यह आपके लिए जन्म से लेकर मृत्यु तक उपयोगी सिध्द हो सकती है| यह सुहाना अवसर पता नहीं फिर कबआयेगा|

* सामाजिक उपयोग*- सेवा का यह अवसर आया है| आपकी उम्र,पसंद एवं क्षमता के अनुरुप,उपयुक्त सामाजिक सेवाओं कोस्वीकार किया जा सकता है| आप अपना ध्यान रखते हुए अपनी रुचि के अनुसार प्रशासन का सहयोग कर सकते हैं| यह दानधर्म का, काम करने का एक सुनहरा मौका है|अनेक गरिब परिवार काम न मिलनेका कारण भूखे सो रहे है, उनके लिए हम प्रयत्नशील रहे| आप अपनी ताकत के अनुसार भोजन,दवा दान कर सकते हैं अथवा जनजागृति के माध्यम से लोगों को अनुशासन पालने हेतु सतर्क करसकते है|

* पारिवारिक सहयोग*- इसकेमाध्यम से आपको घर के लोगों के साथ सहयोग करने का सही अवसर मिला है| कोई भी काम छोटा नहीं होता| बिना किसी झिज़क के घर के प्रत्येक कार्य में सहयोग करें| यह एक साथ बैठकरभोजन करने का अवसर है| ऐसे समय में मोबाइल, टीवी के आदी आधीन हुए बिना घर में एक खुशहाली का माहोल बनाए| एक-दूसरे के बारे में पुराने कड़वे अनुभवों को भुलाकर घर पर कुछ सीखना संभव है? इसके बारे मेंअवश्य विचार करे| अपने भाई-बहनों, माता-पिता और बच्चों के साथ सत्समय बिताने के पध्दति पर ध्यान केंद्रित करें और इसके माध्यम से भविष्य कालीन उत्तमफल प्राप्त करने हेतू क्रियाशील रहे|यह लॉकडाऊन फिर से बढ़ेगा या नहीं कह नहीं सकते, लेकिन इस अनिश्‍चितता के काल में हम कुछ ऐसा बहतर करें, या उसके हेतू योजनाए बनाये जिससे आनेवाले लंबे समय तक हमे इसका फल मिलता रहे| यह काल आपके लिएफलदायी सिध्द हो, यही मंगलभावना |

*प्रो. डॉ महावीर प्रभाचंद्र शास्त्री*

प्राकृत विभाग प्रमुख, वालचंद महाविद्यालय, सोलापुर.