हिसाब






हिसाब

 

हम सभी भाई बहन नानी के घर गर्मी की छुट्टियां बीताने गए थे ꫰मैं बडी थी इस लिए नानी ने थैला और पैसे पकडाए और बोली बजार से आम लेके आना꫰ मैने आम लिए घर आकर नानी को दिए तुरंत नानी ने पुछा हिसाब बता?  मैने पैसे बताए नानी बोली पहले आमवाले को पुछा आम कैसे खडी दिए ? मेनै पुछा ये क्या होता है? नानी बोली खडी का मतलब तुमने अगर बीस आम लिए तो आपको पांच खडी के हिसाब से पच्चीस आम मिलेंगे꫰ अगर छे खडी है तो तीस ,मैने बोला आगे से ध्यान रखूंगी ꫰फिर खाना खाने बैठे नानी ने चावल परोसे और बोली बीच मे दाल के लिये गड्डा करो ꫰हम सबने वैसे किया मेरी दाल बाहर आयी नानी झट से बोली दाल चावल का तालमेल रख हिसाब नही कर पाती संसार क्या खाक करेगी? आज जब भी दाल चावल खाती हूँ꫰नानी की सिख याद आती है꫰की जीवन मे तालमेल और हिसाब का अजोड नाता है꫰यही सिख है ꫰

 

~ स्नेहा काले


 

 



 



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