उम्मीद की किरण 

 

टूटते हौसले विकराल बाढ़ में 

भयानक तूफान में तपते रेगिस्तान में 

अग्नि अनल के स्थान आदि 

प्रतिकूलताओं के तूफान में ही नहीं 

जो बुझे हुए दीपक में डूबे हुए सूरज में 

जो उम्मीद की किरण देख लेते हैं 

वह होते हैं "त्रिलोक" कामयाब 

सफलता का शिखर चूम लेते हैं

दावानल में घिरे पांडव निकलने की 

उम्मीद का द्वार खोज लेते हैं

समुद्र पार सीता को भी हनुमान जी 

उम्मीद की छलांग से खोज लेते हैं

गोवर्धन पर्वत को नारायण श्री कृष्ण

उम्मीद की उंगली पर थाम लेते हैं 

उम्मीद की राह में ही शबरी को 

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम मिलते हैं  

अतः उम्मीद की लौ जलाए रखो त्रिलोक 

उम्मीद से ही मिलेगा जीवन में 

शांति सफलता आनंद का आलोक 

 इसलिए सदा याद रखो 

रात अभी बाकी है बात अभी बाकी है 

जब तक चल रही है श्वास उम्मीद अभी बाकी है 

 

 ब्रःत्रिलोक जैन