जय  जवान 

जय  जवान 

 

 

"अरी सखी राधा ! ,  कैसे सरहद से  कश्मीर में  पाक आतंकियों की घुसपैठ हो रही है । "

"हाँ सलमा , यही आतंकी कभी मॉर्टर से गोलियाँ बरसाते हैं ।तो कभी भीड़ वाले बाजार में ग्रेनेड फेंक  कर निर्दोष जनता को अपना शिकार मनाते हैं । कितनी मासूम जानें चली गयी हैं और कितने  घायल , अपाहिज होते हैं । मानव आज मानव के खून का प्यासा हो गया है , मानवता रो रही है ।"

  तभी उस भीड़ में से आवाज आयी , पकड़ो - पकड़ो , आतंकी उस नदी की ओर भागा है । 

"कितना शर्मनाक , निंदनीय  है । "

"आज तक कोई पकड़ में नहीं आया है ।"

"हाँ , जयचंद तो  हर जमाने में हैं ।"

"इनको शरण देने वाले तो अपने ही लोग जो होते हैं।"        

 " हाँ , हमारी   सांप्रदायिकता , जातीयता , प्रांतीयता, राष्ट्रीय एकता  खतरे में पड़ गयी है ।" 

"   ऐसा नहीं है  ,  हमारा देश विविध जाति , संप्रदायों , भाषा भाषी , धर्म  का महकता गुलदस्ता है  । जब सीमा  पर कोई युद्ध होता है तो पूरे भारवासी एक हो के वीर जवानों की सलामती  की  दुआ , प्रार्थना करते है । जिनके दम से भारत माँ  सुरक्षित है ।    " 

 "अरे ! देख ,  उस नदी की ओर। लगता है लोगों की सहायता और सेना की चाक चौबंद से उसे पकड़ लिया है ।" 

 "  अरे , वाह !  कितनी निर्दोष जानें अब  बच 

जाएँगी । "

तभी खुशी से  दोनों सहेलियाँ ने जोर की आवाज में हाथ उठाकर जय जवान ,  जय भारत माता का नारा लगाके  जश्न मनाने में लग गयी   ।

 


 

मंजु गुप्ता 


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