"वसूली"

"वसूली"


 


"मम्मी आप बर्तन साफ क्यों कर रही हो? कल चुन्ना आंटी आएंगी ना?" दसवीं में पढ़ रही मीतू ने रविवार रात को मम्मी को बर्तन साफ करते देखकर पूछा।


"सोमवार को वो देर से ही आ पाती है ना! और मुझे सुबह सुबह बर्तन चाहिए होते हैं।" नीलू ने हाथ धोते हुए बताया।


"क्यों?देर से क्यों?" मीतू की उत्सुकता जागी।


"रविवार को उसकी छुट्टी रहती है तो अधिकतर घरों में सोमवार को उसे लगभग दुगुने बरतन साफ करने पड़ते हैं। समय भी ज्यादा लगता है और मेहनत भी। इसलिए मैं तो रविवार का काम उसके लिए रखती नहीं, खुद ही करती हूं। अगर छुट्टी वाले दिन का काम अगले दिन करवाओ तो भई फिर छुट्टी का मतलब ही क्या?"


"फिर तुम हर सोमवार उससे किचन की स्लैब और टाइल्स क्यों साफ करवाती हो?"नीलू का जवाब सुनकर उसके पति आनंद ने टोका!


बिटिया के आगे गर्व से तनी नीलू की गर्दन अचानक ही शर्म से झुक गई।


 


शिवानी जयपुर


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