बिटिया खुश रहना ससुराल छुटे बाबुल का यह घर बचपन , आंगन और दर बिछडे संगी और सखी पीहर की ये प्यारी गली बिटिया चली ससुराल को...... छुटे माँ,बापू,काका,काकी बहन और भैया -भाभी अपने पिया के संग चली अपनी ससुराल की गली बिटिया चली ससुराल को...... भूल ना जाना यह घरबार बिटिया खुश रहना ससुराल बसे तेरा प्यारा घर संसार हर दिन हो नया त्यौहार बिटिया चली ससुराल को...... ससुराल का रखना मान रहना पीहर सा घर जान वहीं बसे तेरे मन प्राण कभी करना यंहा का ध्यान बिटिया चली ससुराल की...... --------- *संजय गुप्ता देवेश* |
बिटिया खुश रहना ससुराल
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