दोस्त  दोस्त  न रहा 

लघुकथा 

 

दोस्त  दोस्त  न रहा 

 

गौरव और सोहन बचपन से ही गहरे दोस्त थे खेलना  खाना  पीना पढना  सब साथ साथ होता था  । ऐसे गौरव अमीर घराने से और सोहन सामान्य  परिवार से था।  लेकिन दोनो के बीच  अमीर गरीब का ख्याल  कभी  नही  आया ।  गौरव ने तो घर का बिजनेस  संभाल  लिया और सोहन की आफिस मे  बाबू की नौकरी  लग गई  बडे  पर भी उनकी दोस्ती मे कोई  फर्क नही  आया ।गौरव की शादी हो चुकी थी गरिमा से । लेकिन गरिमा  सोहन के समान्य  होने की  वजह से पसंद नही  करती थी  । उसके साथ कई बार  अच्छा  व्यवहार  नही  किया  । गौरव ने कई बार समझाया हम बचपन से  अच्छे  दोस्त  है । दोस्त  पैसा  देखकर नही  बनाये जाते है ।  ठीक है बचपन के दोस्त  हो। लेकिन  अब तो अपने  बराबरी  वालो मे उठा बैठा करो मुझे  शर्म  आती है अपनी सहेलियो को बताने मे की यह आपका  दोस्त है  । गौरव भी  पत्नी के आगे हार चुका था  उसने भी  धीरे-धीरे  सोहन से दूरी  बना ली  । सोहन भी सब समझ चुका था  कि गौरव भी अब  पत्नी  के आगे मेरा  दोस्त  दोस्त  न रहा ।

 

डॉ ऋचा जायसवाल 

नीमच मध्यप्रदेश

No comments:

Post a Comment

Featured Post

महावीर तपोभूमि उज्जैन में द्वि-दिवसीय विशिष्ट विद्वत् सम्मेलन संपन्न

उज्जैन 27 नवम्बर 2022। महावीर तपोभूमि उज्जैन में ‘उज्जैन का जैन इतिहास’ विषय पर आचार्यश्री पुष्पदंत सागर जी के प्रखर शिष्य आचार्यश्री प्रज्ञ...

Popular