हे मां
हे वैभव दायिनी
ज्ञान का वैभव दो
हे परममृते
सत्य का अमृत पिला दो
हे पाप हारिणी
मानव मन के पाप हर लो
हे प्रकाश धारणी
जग में स्नेह का प्रकाश दो
हे अज्ञात स्वरूपे
जग को संवेदनाओं का ज्ञान दो
हे शत्रु संहारिणी
कोरोना का अब तो हरण करो
हे मां शक्ति स्वरूपा
नारियों में अपना अंश भर दो
शशि सक्सैना
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