मुझे चांद चाहिए

 

वो खिलौना

जिसकी चाहत थी

बचपन में मिल ना सका

बाली उमर का देखा सपना

अधूरा रहा पूरा न हो सका

वो लमहाट, जो बिताना चाहे प्रिय के संग

पर बिता न सके

मुझे वह सब चाहिए

जो महसूस न कर सकी में

कोई है, जो देगा मुझे ये सब

मेरा वादा है मैं महसूस करूंगी

सब कुछ उतनी ही शिद्दत से पहले अनुभूति की तरह

मेरा दिल मेरी आत्मा

कोरी है एक कागज़ की तरह

कोई है जो मुझे देगा,  

क्या सुना ?मुझे चांद चाहिए

हां मुझे चांद चाहिए

 

             कुन्ती

 

 

एक अलग सी अभिव्यक्ति