संस्कार* आज का विषय ग़ज़ब निराला, छोटा सा शब्द,पर बहुत ही गहरा।। संस्कार वो चीज है जो दिखती नहीं, संस्कार वो है जो कभी बिकती नहीं।। संस्कार आपकी कविताओं में हैं दिखते, संस्कार आपकी परवरिश भी हैं दिखाते। आपके विचार है झलकते, आपके भाव हैं दिखते, आपकी बातें है बताती, आपके ख्यालात है बरसते।। संस्कार केवल पैरों को छूना नहीं, संस्कार केवल सर पर औढ़ना नहीं।। कोई जो इज्जत देता है,तो इज्जत देना कोई कुछ कहे,तो आलोचना न करना।। बातो को ध्यान से सुनना, बातों पर बेवजह ना हसना।। एक दूसरे कि तारीफ करना,एक दूसरे को साथ देना, सभी संस्कार की ही रीत हैं,ये तो अनमोल है तोहफ़ा, हर कोई इसका ख़ज़ाना नहीं संभाल पाता।। किरन खत्री |
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