11 अगस्त,2021 की शाम ऐतिहासिक बन गई, जब बापू के "गांधीग्राम" और संत विनोबा भावे की त्याग- भूमि वर्धा के महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्व- विद्यालय के सभागार में देवभूमि उत्तराखण्ड के सपूत, शब्द-साधक कवि डॉ रमेश पोखरियाल "निशंक" के साहित्य पर केंद्रित चार ग्रंथों का लोकार्पण विवि के यशस्वी कुलपति प्रो रजनीश कुमार शुक्ल द्वारा किया गया। "आज़ादी का अमृत महोत्सव" कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित "काव्य संध्या" से पूर्व विवि की कार्य परिषद के सदस्य डॉ योगेंद्र नाथ शर्मा "अरुण" द्वारा उक्त चार ग्रंथों का परिचय दिया गया, जिनमें (1)डॉ ऋषभदेव शर्मा द्वारा संपादित ग्रंथ "तत्त्वदर्शी निशंक" है,जिसमें दक्षिण भारत के 26 विद्वान समीक्षकों द्वारा डॉ "निशंक" की कृतियों पर लिखे आलेखों को संपादित किया गया है। (2) ग्रंथ डॉ रमा पाण्डे, प्राचार्या, हंसराज कॉलेज, दिल्ली द्वारा संपादित "निशंक का रचना संसार : देश के पार" है,जिस में विश्व के 25 से अधिक समीक्षकों द्वारा डॉ "निशंक" की रचनाओं पर लिखे आलेखों को संपादित किया गया है, (3) ग्रंथ डॉ "निशंक" के बहुचर्चित खण्डकाव्य "प्रतीक्षा" पर डॉ योगेंद्रनाथ शर्मा "अरुण" द्वारा रचित समीक्षात्मक ग्रंथ "डॉ 'निशंक' का खण्डकाव्य 'प्रतीक्षा' : मातृ-गरिमा की पावन गाथा" है,जिसकी भूमिका कुलपति डॉ रजनीश शुक्ल ने लिखी है और (4) ग्रंथ है "हिमवंत का राष्ट्रीय कवि डॉ 'निशंक'",जो डॉ "अरुण" एवं डॉ बेचैन कंडियाल द्वारा लिखा गया वह ग्रंथ है, जिसमें डॉ "निशंक" की राष्ट्र को समर्पित काव्य कृतियों का मूल्यांकन किया गया है और जो उ प्र के सभी विवि के पाठ्यक्रम में शामिल किया जा चुका है। लोकार्पण समारोह में विवि के प्रतिकुलपति प्रो चंद्रकांत एवं प्रो हनुमान प्रसाद शुक्ल के साथ प्रो कृपा शंकर चौबे और सभी संकायाध्यक्ष,प्रोफेसर्स,शोधार्थीगण उपस्थित रहे। इस भव्य समारोह को स्वयं "कोरोना" पर विजय प्राप्त करने वाले यशस्वी राष्ट्रकवि डॉ "निशंक" ने भी संबोधित किया।
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