नाम अनेक तू एक है

हे मेरे कृष्णा, मेरे कन्हैया

तू  ही नैया ,तू ही खेवईया

तू ही साध्य और तू ही साधन

तू ही मृत्यु और तू ही जीवन

 साथी तू ही मेरा सहारा

तेरे सिवा ना कोई हमारा

तेरे पूजन से मुरलीधर

हो जाए यह जीवन पावन

हे अच्युतम हे यशोदा नंदन

दयानिधि हे देवकीनंदन

तेरी चरण लगे हैं उपवन

हे ज्ञानेश्वर तू ही गोविंदा

कर न सकूं मैं किसी का निंदा

हिरण्यगर्भा,तू ही जगदीशा

कृपा करहु देहु आशिषा

हे द्वारिकाधीश, हे मधुसूदन

अजया ,जयंतह कमलनयन

भजहु तुम्हारे नाम अनंता

हे  ज्ञानेश्वर हे श्रीसंता।

दिन रात करूं तेरी पूजन

कर दे यह जीवन भी उपवन

अद्भुतह,अचला हे अजन्मा

पूर्ण करो सबकी मनोकामना

अनया, अनंतजीत, अनंता

तेरो नाम भजो श्रीसन्ता।

कृपा करो हे कृपानिधान

पार्थ सारथी , परब्रह्मण

राधा प्रिय हे देवकीनंदन

नंदगोपल ,आदित्य, निरंजन

कंद मूल तेरे भोग लगाऊं

धर्माध्यक्ष तेरी आरती गाऊं

देवाधिदेव,गोपाल, ज्ञानेश्वर

अनादिह,देवेश , जगदीश्वर।

वृंदावन का रास  रचैया

कामसानतक, कंचलोचन कन्हैया

 पद्महस्ता, पद्मनाभ,रविलोचन

केशव ,कृष्ण ,तू ही मनमोहन

नाम अनेकों मैं भजु तुम्हारे

तेरे सिवा ना कोई हमारे

करूं प्रार्थना कृष्ण गोपाला

दयानिधि जगत प्रतिपाला

बनूं मैं तेरी चरणों की दासी

 अजन्मा, अजया, अविनाशी।

स्वरचित-पूजा भूषण झा।

हाजीपुर,वैशाली ,बिहार।

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