सोना अभी आने लगा
नीरज अभी छाने लगा
जादू किया मैदान में
सबको वही भाने लगा
सपना अभी पूरा हुवा
मन तो बहुत गाने लगा
सोचा किए हम जो सदा
भारत उसे पाने लगा
देखा किए बरसों सभी
सूखा कहीं जाने लगा
गौरव सभी करने लगे
आकाश को छूने लगा
मैडल मिला है 'श्याम ' अब
दुःख वो कहीं खोने लगा
श्याम मठपाल ,उदयपुर
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