दोहा

1.कजरी

कजरी गा रही  सखियाँ,नाच रहा मन मोर,

शुभकामना भाव भरे,होय सब जन विभोर ।

2.सुरसरि

शिव जटा से है उद्गम,सुरसरि शोभित गर्व,

कैलाश पर्वत बिराजे,शिव रात्रि का  पर्व ।

3.सावन

सतरंगी इंद्रधनुष,सावन शीत फुहार,

रवि किरणों से चमकती,हीर कण की बहार।

4.रक्षा बंधन

रक्षाबंधन ले  आया,भाई  बहना प्यार

 त्योहार की झड़ी लगे,सावन मास बहार।

5.काजल

गौरी आकर्षक रूप,काजल सजते  नैन,

 स्नेहिल मधुर मुस्कान,करती है बैचेन।

प्रभा जैन इंदौर।

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