माँ

 कविता 


       माँ 

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माँ तुम पर यह जीवन न्योछावर, 

जन्म जन्म हर बार,

तुमसे हीं मेरा यह जीवन, 

तुमसे हीं यह संसार।


तुम्हीं मेरी रचनाकार,

तुम हीं मेरे पालनहार,

तुम हीं मेरे दुर्गूनों की,

करती हो समूल संहार ।


तुमने मुझको चलना सिखाया,

हंसना सिखाया,बोलना सिखाया,

तुमने सिखायी जीत मुझे,

नहीं सिखायी कभी हार।


तेरी ममता की छाँव में,

मैं बढ़ रहा हूँ हर बार,

तुम हीं मेरी ताकत हो,

तुम हीं मेरी जीवन आधार।


माँ मैं तेरा हीं दुलारा लाल,

करुंगा सदा सेवा सत्कार,

तेरी कृपा बनी रहे माँ,

मिलता रहे माँ तेरा प्यार।

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       अरविन्द अकेला

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