तब मन में होगी हरियाली


हरियाली सुकून देती है 

सुमन मन का दुख हरते है

 पवन की ठंडक मन को भाती

 लहरें जीवन का गीत गुनगुनाती

 सद्गुणों से आती मन की हरियाली ।


 हम खुशियों से दुखियों का दामन भर दें

  दुख उनका  दूर कर दें

 किसी के आंसू पोंछे ढांढ़स दें

 कंधे पर रख हाथ, है तुम्हारे साथ

 कह हिम्मत दे दें

सुकून मन आए तब आती

 मन में हरियाली।


 सानिध्य हमारा सुखमय हो

 हमारा किसी को इंतजार हो

 हमारे लिए सबके दिल में जगह रहे

  तब मन में आती हरियाली।


  हम सेवा से मन मोहे 

देश समाज के लिए कुछ कर ले

 अच्छे मानव बन परिचय हो

 पावन संस्कारों का यापन हो 

तब आती मन में हरियाली।


दुख में सहयोगी ,बनकर छांव

 जब सुकून का हम बरगद हो 

जीवन में समर्पण का सुंदर भाव

हो

तब आती मन में हरियाली।


 संतोष धन मन में आए 

स्वार्थ से अपना दामन बचाएं

 ईर्ष्या हिंसा दिल में ना लाएं

प्रेम का हम दीप जलाएं

 तब मन में हरियाली पाएं। 

 

 हंसा मेहता इंदौर

9827730677

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