रोहित के मम्मी पापा ने रोहित को पूरी छूट दी थी।वह अपने विचार उसपर बिल्कुल थोपते नहीं थे। उसे जो चाहिए तब तब सब मिलता था। कॉलेज जानेके लिए गाड़ी, खर्च के लिए पॉकेट मनी। उसे किसी बात की कमी नहीं थी।
रोहीत का सेकंड इयर का रिजल्ट आया वह देखकर मम्मी पापा नाराज हो गए ।
पापा ने रोहित से कहा " रोहित, तुम्हें बहुत कम मार्क मिले है।और कोशिश करनी चाहिए।मैं तुलना नहीं कर रहा हूं पर तुम्हारे दोस्त निलेश को देखो गरीब है पार्ट टाइम जॉब करता है दिन रात मेहनत करके पढ़ाई करता है। मार्क भी अच्छे लेता है।"
"पापा, निलेश गरीब है,पैदल कॉलेज आता है, उसके पास रहने के लिए खुद का घर भी नहीं है ।उसके पापा भी कुछ खास कमाते नहीं है ।तो उसे तो दिन रात मेहनत करनी ही है ।और मुझे मेहनत करने की क्या जरूरत है ? आपने घर तो इतना बड़ा लेकर रखा है, मेरे पास गाड़ी है, अपनी कार है। पॉकेट मनी के लिए पैसे देते तो देते ही हो। मुझे ज्यादा मेहनत करने की जरूरत क्या है?
पापा को अपनी गलती समझ में आ गई और गलती सुधारने के बारे में वह भी सोचने लगे।
सुवर्णा अशोक जाधव
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