किस से कैसे बात करना जिसे ये सलीका आ गया..!
वही जमाने में सदा सभी के दिलों पर छा गया..!
अपनी बातों में जो अदब की कारीगरी रखते हैं..!
दिल जीतने की जो यहां बाजी गिरी रखते हैं..!
वही किरदार तो सभी की नज़र को भा गया..!
किससे कैसे बात करना..
जो अपनी शख्सियत में सदा ही शामिल रखते नज़ाकत..!
उनकी कब कहां कभी किसी से रहती हैं अदावत..!
इनकी रातें सुकूनभरी होती व खुशनुमा दिन सदा गया..!
किससे कैसे बात करना..
कमल सिंह सोलंकी
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