जीवन


जीवन सच में है वही,

            आए परहित काम,

अपने हित को जो जिए , 

            बस जीवन है नाम।

बस जीवन है नाम ,  

            निरर्थक साँसें लेते ,

नदियाँ बादल वृक्ष , 

            सभी फल परहित देते।

नहीं भले हों काम , 

            कहो फिर कैसा ये धन?

मिले घना यश-मान,

            जिएं जो परहित जीवन।।


        डॉ० शिशुपाल


No comments:

Post a Comment

Featured Post

महावीर तपोभूमि उज्जैन में द्वि-दिवसीय विशिष्ट विद्वत् सम्मेलन संपन्न

उज्जैन 27 नवम्बर 2022। महावीर तपोभूमि उज्जैन में ‘उज्जैन का जैन इतिहास’ विषय पर आचार्यश्री पुष्पदंत सागर जी के प्रखर शिष्य आचार्यश्री प्रज्ञ...

Popular