प्यारा है




चंदन वंदन करो , भाल माटी नित्य भरो ,

परम पुनीत  ये , देश मेरा प्यारा है ।।


गाँव गली ओर छोर , इनका सदा ही जोर , 

धरती गगन में , बने ध्रुव तारा है  ।।


दिन लगे सोने जैसे , निशा चाँदी भाये ऐसे ,

उन्नत शिखर में , जय गूँज नारा है ।।


शक्ति अवतार यहाँ , दूजा मिले और कहाँ ,

एकता विशालता ,  प्रेम उरधारा है ।।




आओ कुछ नया करें , सत्य ज्ञान हम धरें ,

जीवनामृत पियें , सबका सहारा हो ।


प्रेम दीप लिए हाथ , चलें हम साथ - साथ ,

मानवता धर्म ले , गढ़ें पंथ न्यारा हो ।।


सर्वहित भावना हो , देशहित कामना हो ,

जीव दया सर्वदा , लक्ष्य ये हमारा हो ।


होठों में उल्लास रहे , परहित दुख सहे ,

एक लक्ष्य धारणा , एक ही किनारा हो ।।


               ----- माधुरी डड़सेना "मुदिता"

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