मेरा दोस्त मेरी शान

  मेरा दोस्त मेरी शान

हे कृष्ण ,मित्र बने सुदामा के

तार दिया भव सागरकष्टों से

मित्र बन तुम आ जाओमिलने

मुझकों दोस्ती की खुशी देने।


कृष्णा ,ऐसे मित्र बनो तुम मेरे।

देह के बंधन जिसमे नहो घनेरे

अच्छे ,सच्चे ,मित्रा तुम हो मेरे।

मन के भाव अनकहे समझते मेरे।


अकेलापन दूर करो मित्रा तुम

मन की गुत्थी सुलझाओ तुम

नारी देह आकर्षण से परे तुम

मुझमें सच्ची सखि पाओ तुम।

मेरे सपने,अरमान ,उम्मीद जानो।

मन के टूटे बिखरे भाव को जानो

मेरे सुख दुख को पहचानो जानो।

मित्रा मेरे मन के रहस्य को जानो।

मुझे ध्यान योग सिखाओ।

  उच्च विचार मेरे विकसाओ।

जीवन की उहा पोह मिटाओ।

सच्चे दोस्त खुदा बन जाओ।

मन के अवगुंठन को खोलो।

विषय विकार क्लेश मिटाओ।

मन निर्मल ,शुद्ध ,सकारात्मक हो।

ऐसे ध्यान के मार्ग पे मुझे चलाओ

कृष्णा मेरे मित्रा तुमबन जाओ।

मुझसे मिलने जरूर तुमआओ।

जीवन अंधेरे को तुम मिटा…

पावन पुनीत पयोधर से कान्हा राधे

श्रीमती नीलम व्यास

No comments:

Post a Comment

Featured Post

महावीर तपोभूमि उज्जैन में द्वि-दिवसीय विशिष्ट विद्वत् सम्मेलन संपन्न

उज्जैन 27 नवम्बर 2022। महावीर तपोभूमि उज्जैन में ‘उज्जैन का जैन इतिहास’ विषय पर आचार्यश्री पुष्पदंत सागर जी के प्रखर शिष्य आचार्यश्री प्रज्ञ...

Popular