ओमप्रकाश पाण्डेय
कितने घर बर्बाद हो गये
उजड़ गए कितने परिवार
सब कुछ लुटा दिया उसने
फिर भी आज फल फूल रहा
हर एक गली चौराहे पर
एक न एक मधुशाला..... 1
पति पत्नी के बीच में झगड़ा
भी करवाती मधुशाला
नाली और चौराहों पर
अच्छे भले लोगों को
लड़खड़ाती झूमाती गिराती
ऐसी ही कोई मधुशाला....... 2
बर्तन माँजती औरत से पूछो
किसने बेचा उसका गहना बर्तन
भीख मांगते बच्चों से पूछो
कहाँ गया उनके मुँह का निवाला
सब कुछ खा गया उनका
एक न एक मधुशाला........ 3
लीवर किडनी फेल हो गया
बन्द हो गया दिखना आंखों से
मृत्यकाय काया लिए हुए
वह फिरता रहता दवाखानों में
उसने खो दिया अपना सब कुछ
ऐसी ही किसी मधुशाला में ....... 4
कहते हैं कभी इसको पीते थे
देवतागण भी अप्सराओं के हाथों से
पर आंखों से बहते आंसुओं से पूछो
कैसी दिखती है उनको मधुशाला
उसके लिए तो अंधकार से भरी हुई है
हर एक मधुशाला.......... 5
जहरीली शराब पी कर
मरनेवालों के विधवाओं से पूछो
उनके बिलखते बच्चों से पूछो
कैसी लगती उनको मधुशाला
इतने मौतें होने के बाद भी
गली गली में खुली हुई है मधुशाला....... 6
ओमप्रकाश पाण्डेय)
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