शरद पूर्णिमा के दिन ही अनेकों ग्रंथो काव्यों के रचियता कवि दिगंबर जैन संत आचार्य भगवन विद्यासागर जी महाराज एवं गणिनी आर्यिकारत्न ज्ञानमति माताजी का अवतरण हुआ था। दोनों के चरणों में बारंबार नमन🙏 और आचार्य भगवन के चरणों में अपने शब्दों के माध्यम से स्तुति🙏👇
विद्या के भंडार हमारे गुरुवर हैं।
धरती के भगवान हमारे गुरुवर हैं।
चर्या इनकी एकदम अजब निराली है।
दिगंबर दीक्षा जब से गुरु ने पाली है।
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सन 46 शरद पूर्णिमा सदलगा में जन्म हुआ,
मां श्रीमती पिता मल्लप्पा को बड़ा ही हर्ष हुआ।
भारत के प्रखर तपस्वी लेखक साधक हैं।
त्याग तपस्या संयम के परिचायक हैं।
विद्या के भंडार हमारे गुरुवर हैं,
धरती के भगवान हमारे गुरुवर है।
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सन 72 बाइस नवंबर आचार्य पद इनको मिला,
पदयात्रा करके देश में सद्भाव का संदेश दिया।
विद्याधर से हुए ये विद्यासागर हैं।
त्याग तपस्या संयम के परिचायक हैं।
विद्या के भंडार हमारे गुरूवर है।
धरती के भगवान हमारे गुरुवर हैं।
✍️©️ डी के जैन मित्तल कवि एवं गीतकार
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