ऐसा भी होना चाहिए
फकत चंदन सा महके जो
चमन ऐसा भी होना चाह
जिसमें कांटे एक ना हो
ऐसा उपवन भी होना चाहिए
मीठी नदियाँ सागर में मिल
खुद भी खारी हो जाती हैं
गजब की बात कह दु तो
सागर को मीठा होना चाहिए
हज़ार काटे हो जग में हर
पौधे पर खिले हुए है गुल
इन गुलो से मेरा तुम्हारा
करीबी रिश्ता होना चाहिए
पूर्णिमा पाठक शर्मा
अजमेर
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