गहरी दोस्ती
सविता नाम की एक भौली सी लड़की लखनपुर गांव में रहती थी। वह 12 साल की थी ।उसने अपनी दादी से पशु पक्षियों के बारे में बहुत सारी कहानियां सुनी थी। कहानियां सुन-सुनकर उसे पशुपक्षियों से प्यार होने लगा था। रोज शाम ढले वह गांव से दूर खुली सड़कों के चौरस्ता पर जाकर बैठ जाती थी। खुली प्रकृति को देखना उसे बहुत अच्छा लगता था। एक दिन मुनिया ने वहां पर एक गिलहरी को देखा। जो पेड़ पर बैठी हुई थी। वह बहुत घबरायी हुई थी। वह सोच में पड़ गई थी ,कि गिलहरी यहां कैसे आ गई। उसने गिलहरी से कहा, तुम कहां से आ रही हो , गिलहरी ने कहा ,मैं अपनी जान बचाकर आ रही हूं। सविता ने कहा वह कैसे। तब गिलहरी ने कहा, कि मुझे तुम्हारे पास वाले गांव में एक बिल्ली ने पकड़ लिया था मैं जैसे तैसे उस बिल्ली से अपनी जान बचा कर भागकर यहां आई हूं। वे बिल्लियां मुझे अपना शिकार बनाने की फिराक में रहती थी ।मैं बहुत घबरायी हुई रहती थी। मेरी जान शूली पर अटकी हुई रहती थी। सविता ने उसे खाने के लिए मूंगफली दी और प्यार से उठाया और कहा कि तुम क्या मेरे साथ मेरे घर चलोगी। गिलहरी बहुत खुश हुई और सविता के साथ घर जाने को तैयार हो गई इस तरह दोनों में गहरी दोस्ती हो गई ।
शिक्षा
अबोध मन में पशुपक्षियों के प्रति प्यार को जागृत करना चाहिए। तभी आने वाली पीढ़ी पक्षियों को देख पाएगी ।वर्ना पशुपक्षियों की प्रजाति लुप्त हो जायेगी।
मीता गुप्ता
रायपुर छत्तीसगढ़
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