कुछ ऐसा सृजन करें



आइए मिल बैठकर 

देश हित में चिंतन करें ।

खिल उठे मुरझाए चेहरे

 कुछ ऐसा सृजन करें।।


जहां मयूसी डाले डेरा

उम्मीदों का दीप जलाएं।

चहुंओर बिखरे उजियारा

ऐसा कुछ जुगत लगाएं ।।

घर घर आए खुशहाली

खुशियां का दर्शन करें ।

आइए मिल बैठकर 

कुछ ऐसा चिंतन करें।।


बढ़कर उसे गले लगाए 

जिसका नहीं साथी सहारा।

नहीं भटको सिर अपने ले

दर्दो गम का बोझ यारा।।

थका हारा दिखे जब कोई 

उसका उत्साहवर्धन करें।

चेहरे पर मुस्कान लाए

कुछ ऐसा सृजन करें।।


सरहद पर सीना ताने

खड़े देश के वीर जवान।

हंसते हंसते मर मिटते

होंठों पर रखकर मुस्कान।।

उनके पावन जज्बे को

हृदय तल से नमन करें।

देश प्रेम की बहे बयार

कुछ ऐसा सृजन करें।।

 मीरा सिंह "मीरा"

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