कुंडलपुर कला उत्सव
कुंडलपुर पंच कल्याणक व मस्तकाभिषेक महामहोत्सव के अवसर पर इंदौर की वरिष्ठ चित्रकार, रंगकर्मी, समाजसेवी, लेखिका श्रीमती पुष्पा पांड्या द्वारा कला उत्सव का आयोजन किया गया।
"72 कला के प्रणेता प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ जी( बड़े बाबा) की छत्रछाया में, कला प्रेमी, परम श्रद्धेय आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शुभ आशीर्वाद से व अनेक मुनिराज व आर्यिका माताजी के सानिध्य में आयोजित “कुंडलपुर“कला उत्सव” में देश भर के जाने माने चुनिंदा चित्रकारों ने कुंडलपुर की पावन धरा के प्राकृतिक सौंदर्य तथा वहां की कथाओं को अपनी तूलिका से केनवास पर उकेरा।
श्री सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर समिति द्वारा आयोजित निर्यापक मुनि श्री संभव सागरजी महाराज की प्रेरणा, आईआईटी इंजीनियर मनीष भैया जी के अथक प्रयासों से संयोजित कला उत्सव की संयोजिका एम. ए.फाइन आर्ट्स में स्वर्ण पदक प्राप्त श्री मती पुष्पा पांड्या ने कहा कि चित्रकला प ढ ने और सुनने की अपेक्षा जल्दी समझ में आने वाली कला है ।साथ ही धर्म ,संस्कृति और संस्कार के प्रचार प्रसार का सबसे अच्छा माध्यम है।
पांच दिवसीय कला शिविर का शुभारंभ आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में त्तथा म. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवरजसिंह जी चौहान, श्री मती साधना जी चौहान , पूर्व मंत्री जयंत जी मलेया आदि अनेक मंत्रियों के समक्ष पुष्पा पांड्या ने मंच पर अनूठा प्रयोग करते हुए ब् बड़ी श्रद्धा
भक्ति के साथ केसर से कुंडलपुर मंदिर की पेंटिंग बना कर की।
फोना टेक के ceo रजत पांड्या के निर्देशन में मधय प्रदेश , कर्नाटक , महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश राजस्थान आदि से आए कलाकारों ने कुण्डलाकार पर्वत की छटा को बिखेरते हुए सरोवर में प्रति बिंबित होती मंदिरों की शृंखला को बहुत ही सुंदर तरीके से उकेरा पुना से आए अतुल गेंदले नागेश हंकारे, रमन लोहार, माने ने।ग्वालियर के उमेन्द्र वर्मा ने भगवान आदिनाथ (बड़े बाबा) का चित्र और ,आचार्य श्री विद्यासागर जी व सुधा सागर जी महाराज के चरण पखारते हुए बनाया, ।नसीराबाद के शाम कुमावत ने सरस्वती जी का सुंदर चित्रण किया ग्वालियर के मनीष ने नीले रंग में बड़े बाबा को दर्शाते हुए पूजा भक्ति करते श्रावकों का चित्रण किया।अजंता के सुभाष पवार ने अजंता शैली में पेंटिंग बनाई ।आजमगढ के अर्जुन सिह जी ने बड़े बाबा के प्रकट होने की कथा को निरूपित किया।
अनेक कला शैलियों में पेंटिंग्स को बनते हुए देखने का अभूत पूर्व आनन्द यहां था। इस अनूठे कार्यक्रम को देख कर लोग बहुत खुश हो रहे थे। कोई फोटो के रहे थे तो कई की उत्सुकता वश कई जिज्ञासा थी ये क्या बनाया है, ये कोनसा मन्दिर है आदि यह सब देख कलाकारो को भी आनन्द आ रहा था।
सौम्य सागरजी महाराज, विनम्र सागरजी महाराज आदि कई मुनिराज व आर्यिका माताजी ने कला उत्सव का अवलोकन किया ।उत्तम सागर जी महाराज ने जो स्वयं चित्रकार रहे हैं , कलाकारों को मार्ग दर्शन भी दिया
पांच दिन तक चले इस कला शिविर का शुभारंभ मंगल ‘कला यात्रा’ (आर्ट वाक) से किया जिसमें सर्व प्रथम बड़े बाबा के दर्शन, पर्वत वंदना , और मुनिराजो के आशीर्वाद लेकर कलाकारों ने कार्य प्रारम्भ किया।
पुष्पा पांड्या ने इस अवसर पर जैन धर्म ,कुंडलपुर का इतिहास यहां की कथाओं व मुनिराज की तपस्या, साधना व चर्या आदि के बारे में जानकारी दी जिससे कलाकार भाव से अभिव्यक्ति कर सके।
सभी कलाकारों ने jain धर्म के अनुसार आचरण करते हुए पेंटिंग्स बनाई। उन्होंने कहा कि
हमारे धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रमों में रात्रि में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नृत्य, नाटक कवि सम्मेलन आदि कार्यक्रम तो होते हैं परन्तु कला का कोई कार्यक्रम नहीं होता जबकि कला के द्वारा धर्म ओर संस्कृति के प्रचार प्रसार के साथ ही युवा पीढ़ी को जोड़ने का भी अच्छा माध्यम है ।कला आर्ट गैलरी तक ही सीमित न होकर सब की लिए हो इसी उद्देश्य को लेकर आपने उपाध्याय गुप्ति सागर जी महाराज के सानिध्य में 2008 में “बावनगजा कला महोत्सव, “स्वस्ति चारुकिर्ती भट्टा रक स्वामीजी के आशीर्वाद से2018 में भगवान बाहुबली महामतस्कभिशेक के अवसर पर “श्रवनबलगोला आर्ट फेस्टिवल” , परम श्रद्धेय आचार्य विद्या सागर जी महाराज के सानिध्य में 2018 में खजुराहो में आचार्य श्री के जन्म दिवस शरद पूर्णिमा के अवसर पर “खजुराहो कला महोत्सव “का आयोजन किया । जिसे हजारों लोगों ने देखा और सराहा। उनके उपरोक्त कार्यों को देखते हुए कुंडलपुर महामहोत्सव के अवसर पर विशेष रूप से “कुंडलपुर कला उत्सव “के लिए आमन्त्रित किया गया था।
कार्यक्रम को सफलता पूर्वक सम्पन्न करने में मुंबई के C.A. हर्षित जैन व बंगलुरू के इंजीनियर रोहित जैन का विशेष सहयोग रहा।
श्रीमती पुष्पा पांड्या
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