राहें इतनी सरल नहीं हैं,
अभी चुनौती शेष है |
आओ मिलकर साथ चलें,
युग का ये संदेश है ||
इक इक तिनका लाकर पंछी,
करता घर निर्माण है |
सतत परिश्रम और लगन का,
देता हमें प्रमाण है ||
इक दूजे से हिम्मत मिलती,
संतों के उपदेश हैं |
आओ मिलकर साथ चलें,
युग का ये संदेश है ||
राम अकेले लड़ सकते थे,
रावण अत्याचारी से |
कौरव पल में मिट सकते थे,
सिर्फ सुदर्शन धारी से ||
पर देना संदेश यही था,
व्यक्ति नहीं विशेष है |
आओ मिलकर साथ चलें,
अभी चुनौती शेष है ||
त्यागें अपनी अपनी इच्छा,
करें समर्थन जन गण का |
निहित स्वार्थ की तोड़ दीवारें,
हल खोजें विपति निवारण का ||
सहज समस्या हल होती है,
परहित में नहीं क्लेश है |
आओ मिलकर साथ चलें,
अभी चुनौती शेष है ||
संजय तिवारी सरोज
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