"आओ मिलकर साथ चलेंगे"
कठिन डगर होती जीवन की,
कहीं फूल कहीं शूल मिलेंगे,
चाहे आंधी तूफान आए,
विपदा से हम नहीं डरेंगे,
मन में है मजबूत इरादे,
कहीं राह में नहीं रुकेंगे।
आओ मिलकर साथ चलेंगे।
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आओ अपना बाग संवारे
मिलकर खरपतवार हटा दें,
सुंदर-सुंदर इस क्यारी को,
गुड़ाई कर जल से हम भर दे
हरियाली होगी जीवन में,
सुंदर-सुंदर सुमन खिलेंगे।
आओ मिलकर साथ चलेंगे।
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नई पीढ़ी को आओ मोड़ें,
इन्हे संस्कारों से जोड़ें,
पश्चिम की आंधी में उड़ कर,
यह अपनों से मुख ना मोड़े,
संस्कृति अपनी सिखलाएं हम,
तब यह अपने संग ढलेंगे।
आओ मिलकर साथ चलेंगे।
------- उर्मिला औदीच्य भवानीमंडी राजस्थान
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