मुहब्बत चाहिए अगर तो
नफरत ना फैलाओ
मिलेगा अमन तुम्हे
शांति से बात समझाओ
ये कौन सा रास्ता तुमने अपनाया है
तीसरी पारी का विश्व युद्ध खेल कर
तुमने इतिहास के पाठ को भुलाया है।
सियासी राजनेता के लिए
सिर्फ अंकड़ो के खेल हुए
युद्ध में मरने वालो के कभी
निश्चित आंकड़े नहीं हुए।
पहले भी विश्व युद्ध की चिट्टिया सुनाई थी
शांति के लिए हो रहा ये कैसा युद्ध भाई
धरा गगन के बीच खालीपन छोड़ जाएगी
सैनिक अपाहिज बन
जीने को मजबूर हो जाएंगे
कुछ मर जायेंगे तो
कुछ अपनो को खो जायेंगे
मातृ भूमि से पलायन का दर्द झेलेंगे
औरतों और बच्चों पर क्या क्या गुजरेगी
सहोदर रहे दो मुल्क शत्रुता झेलेंगे।
कीमतों में इजाफा
महंगाई बोझ बढ़ते जाएंगे
पटरी से उतरती अर्थव्यवस्था
रास्ते पर वापस कैसे लायेंगे।
दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर ये युद्ध संकट है
युद्ध से होता रहा है सदा विनाश मेरे भाई
मिलेगा अमन तुम शांति से बात समझाओ
मुहब्बत चाहिए अगरतो नफरत ना फैलाओ
मुहब्बत चाहिए अगर तो नफरत ना फैलाओ
गरिमा खंडेलवाल
उदयपुर राजस्थान
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