मेरे मन को हे प्रभो!
दे दो यह वरदान।
अच्छा सच्चा ये रहे ,
नहीं बने शैतान।।
नहीं बने शैतान ,
सदा सद्भाव भरे हों।
हों कल्याणी आह्वान ,
हृदय के भाव हरे हों।।
शांत रहे बलवान ,
नहीं चिंता आ घेरे।
अर्ज करे 'शिशुपाल' ,
शक्ति दो मन को मरे।।
उज्जैन 27 नवम्बर 2022। महावीर तपोभूमि उज्जैन में ‘उज्जैन का जैन इतिहास’ विषय पर आचार्यश्री पुष्पदंत सागर जी के प्रखर शिष्य आचार्यश्री प्रज्ञ...
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