तुषारापात

उम्मीदें मर जाना,

अरमानों का सड़ जाना।

हाल बुरा होता हैं किसान का,

अनचाहा तुषारापात हो जाना।।


कितनी मेहनत मशक्कत के बाद खेत में बीज बोता है,

कुछ मिल जाएगा फ़सल अच्छी हो जाए तो,

घर में नए कपड़े आएंगे,

इस कारण वो अबकी बार फटी कमीज़ धोता है,

नूतन वस्त्रों से दूर जाना,

त्योहारों उत्सवों से दूर हो जाना।

हाल बुरा होता हैं किसान का,

ज़मीन पर अनचाहा तुषारापात हो जाना।।


धरती पर समय पर पानी का बरस जाना ही ठीक है,

किसी आदमी का उसकी मेहनत का फल मिल जाना ही ठीक है,

सब कुछ न्योछावर करके वो फ़सल उगाता है,

सारी उमर की कमाई पाला पड़ने से गँवाता है,

जीवन से हार जाता है,

सारा किया हुआ धरा रह जाना,

हाल बुरा होता हैं किसान का,

ज़मीन पर अनचाहा तुषारापात हो जाना।।


ममतांश अजीत

बहरोड़ अलवर राजस्थान

Ig mamtansh_ajit

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