बेटी है जंजाल नहीं


सुनो सुनो आज खुशी का दिन आया  अपना

घर में नन्ही बिटिया आई पूरा हुआ है सपना


तितली गाए भौंरेझूमें फूल हंसे डाली  डाली

मेरे घर  अंगना में देखो छाई है ऋतु मतवाली


देखो रे देखो भरा हुआ है खुशियों का प्यारा संसार

नन्ही नन्ही कलियों का अपने हाथों करूं श्रृंगार 


श्याम सलोनी प्यारी प्यारी है मेरी बिटिया रानी

आओ सहेली तुम भी देखो ये मेरी गुड़िया रानी


चम्पा चमेली रजनीगंधा की खुशबू है फैल रही

जूही की खुशबू के साथ आज कमलनी फूल रही


रात अंधेरी बीत गयी पूनम की उजियारी छाई

इन अंजोरी रातों में कली कली है मुस्काई


बेटी है जंजाल नहीं वह है सौभाग्य हमारा

प्यार से उसे संवारो घर लाएगी उजियारा


श्रीमती संध्या श्रीवास्तव छतरपुर मध्यप्रदेश

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