घर आँगन में खुशियाँ नाचे , आई जगमग शुभ दीवाली


घर आँगन में खुशियाँ नाचें,आई जगमग शुभ दीवाली l

रातें देखो चमक रहीं हैं , होती मावस भी उजियाली  l l


सारे मिलकर दीप जलाते, सबके मन बजती शहनाई  l

सब नर -नारी झूम रहे हैं , बाँटें मिलके सभी मिठाई  l l

सारे बच्चे  चहक रहे हैं , रौनक  उनकी पड़े दिखाई  l

घर आँगन में खुशियाँ नाचें,आई जगमग शुभ दीवाली  l l


दीपों की है छटा निराली, मन में झूम रही खुशहाली  l

लक्ष्मी माता तुम्हें पुकारे,तनमन की हर डाली-डाली  l l

पूजन करते सभी तुम्हारा, माँगें धन-यश फैला झोली l

घर आँगन में खुशियाँ नाचें, आई जगमग शुभ दीवाली  l l


मन - रंगोली सभी  सजाते , औ वंदन वार  लगाते हैं  l

हर घर माँ की  धूम मची है , अब देव पूजने आते हैं  l l

सागर मंथन  हुआ धरा पर,ये पल -पल है गौरवशाली  l

घर आँगन में खुशियाँ नाचें, आई जगमग शुभ दीवाली  l l



डॉ. राजेश कुमार जैन 

श्रीनगर गढ़वाल 

उत्तराखंड

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