दिवाली के दीप जले
फूलों की खुशबू महके
मेरे भारत देश में, हमारे भारत देश में
मिटे अंधेरें नफरत के
फुलझड़ी प्यार की छूटे
मेरे भारत देश में, हमारे भारत देश में
कभी किसी से बैर न हो
सब अपने हो कोई गैर नहीं हो
मेरे भारत देश में, हमारे भारत देश में
घर घर में धन धान्य भरी हो
ईश्वर कृपा बरसायें
मेरे भारत देश में, हमारे भारत देश में
डा.महताब अहमद आज़ाद
उत्तरप्रदेश
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