मन की अखियां खोल।।

 डर कर दर-दर घूमता, होकर डांवाडोल।

जग का बल तुझ में छुपा, मन की अखियां खोल।।


कौशिक इस संसार में, सच्चा साथी राम।

अंत करण में तार ले, परम पिता का नाम।।


🕉️✍️ जगबीर कौशिक🙏🕉️


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