डर कर दर-दर घूमता, होकर डांवाडोल।
जग का बल तुझ में छुपा, मन की अखियां खोल।।
कौशिक इस संसार में, सच्चा साथी राम।
अंत करण में तार ले, परम पिता का नाम।।
🕉️✍️ जगबीर कौशिक🙏🕉️
उज्जैन 27 नवम्बर 2022। महावीर तपोभूमि उज्जैन में ‘उज्जैन का जैन इतिहास’ विषय पर आचार्यश्री पुष्पदंत सागर जी के प्रखर शिष्य आचार्यश्री प्रज्ञ...
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