आशियाना छोड़ कर, जंगल में बसेरा करना |
राम से सीख लो, अँधेरा को सबेरा करना |
अपने माँ बाप की हर बात को तसलीम करो |
छत दुआओं की मिल जाएगी जहाँ भी डेरा करना ||
आदमी कोख से भगवान नहीं बनता है |
चले सच्चाई पे, छोड़ दें तेरा मेरा करना ||
यूँ तो रुसवाई नहीं छोड़ती पीछा करना |
रहना पड़ता है चरागों को मुश्किल में अँधेरा करना ||
वक़्त सामने झुक जाते हैं आईना अक्सर |
दिल के गुलशन को आसां नहीं सहरा करना ||
घरों में आजकल खामोशियों की बस्ती है |
पास लोगों के नहीं खुलके तजकिरा करना ||
संजय तिवारी सरोज
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