🌹 मन रोशन तो रोज दिवाली 🌹


माता-पिता का सानिध्य हो

   तन मन  भी व्याधि मुक्त हो

      धन धान्य की कोई कमी न हो

          जब जीवन में खुशियां बरसती है

              और  चेहरे पर आभा बिखरती है

                  ऐसे में जब मन हो रोशन तो जानो

                      के जीवन में हर रोज दिवाली होती है ।


जब मौज हो मन में बहारों की

   गगन में हो  चमक सितारों की

     चहुं ओर खुशियां बिखर रही हो

        तन्हाई में भी मेले सी मस्ती हो

           जब आभा आनंद की फैलती है

              ऐसे में जब मन हो रोशन तो जानो

                  के जीवन में हर रोज दिवाली होती है ।


जब दीपक प्रेम के जलते हैं

  जब सपने सच में बदलते हैं

     जब मन में भाव की मधुरता हो

        जब चाहत की फसलें लहराती हैं

            जब आभा उत्साह की फैलती है

                ऐसे में जब मन हो रोशन तो जानो

                    के जीवन में हर रोज दिवाली होती है ।



जब कोई प्रेम से अपने बुलाते हैं

   जब दुश्मन को भी गले लगाते हैं

      जब कोई वैर भाव ना हो किसी से

         जब प्रेम की बंसी सब ओर बजती है

              तब अपनत्व  की आभा झलकती है

                  ऐसे में जब मन हो रोशन तो जानो

                      के जीवन में हर रोज दिवाली होती है ।



जब जीवन अपना सज जाता है

   पराया भी जब अपना हो जाता है

      जब होठों पर मुस्कान बिखरती है

         जब खुशियों की खुशबू महकती है

            और तृप्ति की आभा छलकती है

                 ऐसे में जब मन हो रोशन तो जानो

                      के जीवन में हर रोज दिवाली होती है ।



 पुरुषोत्तम शाकद्वीपी, उदयपुर, राजस्थान

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