चुनाव ड्यूटी"* (व्यंग्य)

 चुनाव ड्यूटी"*       (व्यंग्य) 


ड्यूटी लगाने वाले क्या.

तेरे मन में समाई . 

तूने काहे को ड्यूटी लगाई .

काहे बनाये ये चुनाव के नियम.

नौकरी है प्यारी-प्यारी .

आराम की कुर्सी.

काहे को ड्यूटी लगाई.

तुने अफसर काहे को ड्यूटी लगाई.

जिसने लगाई यह ड्यूटी निगोडी.

वह भी तो तरसा होगा कभी.

आराम को .

अब ड्यूटी लगाकर गुपचुप.

 देखे तमाशा.

वाह रे अफसर हरजाई.

तूने काहे को ड्यूटी लगाई.

तूने भी तो कभी ड्यूटी करके.

छुट्टी का मन में .

अरमां छुपा कर . 

गाली भी दी होगी अफसरों को.

 कोई छवि तेरी होगी .

आंखों में तेरे . 

आंसू भी छलके होंगे ड्यूटी पर जाकर . 

बोल क्या सूझी तुझको.

काहे को ड्यूटी लगाई.

तुने काहे को ड्यूटी लगाई."

धन्यवाद

श्रीमती राजकुमारी वी. अग्रवाल

शुजालपुर मंडी ( म. प्र.)

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