शादी बंधन पवित्र है , कहते वेद पुराण।
जीवन भर का संग है , बसते दोनों प्राण।।
बसते दोनों प्राण , चले है जीवन इनका।
माने सभी विधान ,करे हैं पालन जिनका ।।
चले सही परिवार , नहीं हो कोई वादी।
कैसी फिर तकरार , तभी तो होती शादी।।
देखा पहले वर को , देखें उसका काम।
चाल चलन को देख कर , पूछें उसका नाम।।
पूछें उसका नाम , आय है कितनी बोलो।
कैसा है आवास , वहां के साधन तोलो।।
पैसा है बलवान , कौन सी देखें रेखा।
करले अब पहचान , समय को बदले देखा।।
लड़की को देखन चले , लगे बहुत गुणवान।
नाक नक्श से हो भली , लगती चाँद समान।।
लगती चाँद समान , बोल हों मीठे उसके।
सबको दे सम्मान ,भले हों चर्चे जिसके।।
करे सभी वो काम ,देख लो उसकी खिड़की।
चाल ढाल हों नेक ,ढूंढते वैसे लड़की ।।
लेकर पाती हाथ में , पंडित करें विचार।
गुण तो थोड़े देखिये ,कैसे हैं आसार।।
कैसे हैं आसार , मिले हैं गुण अब कितने।
नाड़ी मंगल देख , भले क्या सारे अपने।।
रिश्ता लागे नेक , मिला लो पैसे देकर।
कैसी मिलती देख , चले हैं पैसे लेकर।।
लड़का लड़की देख कर , करते कुछ अब बात।
जीवन साथी कौन हों , देख धरम औ जात।।
देख धरम औ जात , बनाते सुन्दर जोड़ी।
शादी की है बात , सजेगी अब तो घोड़ी।।
कहे श्याम अब आज , किसी का दिल है धड़का।
सजी हुई है सेज , नाचते लड़की लड़का।।
श्याम मठपाल ,उदयपुर
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