वक्त सीखा रहा है


एक सुकून है जो मुझे तबाह कर रहा है
तू मुझे कितनों से बेवफा कर रहा है।

कर रहा हूं मैं मुहब्बत हर पल जिससे
वो मुझसे कतरा कतरा छल कर रहा है।

कभी मैंने पाने की कोशिश न की तुझे
क्यों  दूर हो जाने के जतन कर रहा है।

मुझसे ज्यादा प्यार वो करते है मुझे
दूर हो कर क्यूं मेरी फिकर कर रहा है।

इश्क में रुलाया जिन्होंने हमें , मुहब्बत मुझे
उन्हीं से फिर करने को जी चाह रहा है ।

रहता हूं जब प्यार में बिना यार के साथ मैं
प्यार के साथ रहना प्यार से वक्त सीखा रहा है।

 

गरिमा खंडेलवाल

उदयपुर राजस्थान 

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